भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न कार्ड लेन-देन में सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिहाज से नई 'टोकन' व्यवस्था अपनाने के वास्ते दिशानिर्देश जारी किए, इनमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेन-देन भी शामिल हैं.
इस टोकन व्यवस्था का मकसद भुगतान प्रणाली की सुरक्षा को मजबूत करना है. इसका तात्पर्य कार्ड के वास्तविक ब्योरे को एक विशिष्ट वैकल्पिक कोड टोकन से बदलना है, यह कोड अपने आप में एक विशिष्ट व्यवस्था होगी.
पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों, क्विक रेस्पांस (क्यूआर) कोड भुगतान के लिए वास्तविक कार्ड ब्योरे के स्थान पर कार्ड से संपर्करहित तरीके से लेनदेन के लिए इस टोकन का इस्तेमाल किया जाता है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि टोकन कार्ड से लेन-देन की सुविधा फिलहाल मोबाइल फोन और टैबलेट के जरिए उपलब्ध होगी, इससे प्राप्त अनुभव के आधार पर बाद में इसका विस्तार अन्य उपकरणों तक किया जाएगा. रिजर्व बैंक की विज्ञप्ति में कहा गया है कि कार्ड के टोकनीकरण और टोकन व्यवस्था से हटाने का काम केवल अधिकृत कार्ड नेटवर्क द्वारा ही किया जाएगा, इसमें मूल प्राथमिक खाता नंबर (पीएएन) की रिकवरी भी प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क से ही हो सकेगी.
ग्राहक को इस सेवा को लेने के लिये कोई शुल्क नहीं देना होगा. रिजर्व बैंक ने कहा है कि कार्ड के लिये टोकन सेवायें शुरू करने से पहले प्राधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क को प्रणाली की एक निश्चित अवधि में लेखापरीक्षा के लिये प्रणाली स्थापित करनी होगी। यह आडिट साल में कम से कम एक बार होना चाहिए. केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि किसी कार्ड को टोकन व्यवस्था के लिए पंजीकृत करने का काम उपभोक्ता की विशिष्ट सहमति के बाद ही किया जाना चाहिए.
वहीं मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी दिन शेयर बाजार में तेजी का रुख रहा. सेंसेक्स 130 अंक चढ़ गया जबकि निफ्टी 10,800 अंक के स्तर से ऊपर निकल गया. तीन दिन की तेजी में सेंसेक्स 460 से ज्यादा अंक चढ़ चुका है. बता दें कि चीन के शेयर बाजार बुधवार को मजबूती के साथ खुले. शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.39 प्रतिशत की मजबूती के साथ 2,536.42 पर खुला. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शेनजियान कंपोनेंट सूचकांक 0.46 प्रतिशत की मजबूती के साथ 7,425.63 पर खुला.
भारतीय मुद्रा रुपये में डॉलर के मुकाबले पिछले सत्र से बढ़त देखी गई. रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले पिछले सत्र से 15 पैसे की बढ़त के साथ 70.05 पर खुला. पिछले सत्र में रुपये में कमजोरी आई थी, जिसकी मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी रही है. कमोडिटी विश्लेषक बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी आने से भारत में तेल आयात के लिए ज्यादा डॉलर की जरूरत होगी, इसलिए रुपये पर दबाव आया, हालांकि पिछले सत्र के मुकाबले रुपया थोड़ा संभला है.
उधर, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचकांक डॉलर इंडेक्स बुधवार को फिर 0.11 नीचे फिसलकर 95.377 के स्तर पर आ गया. दरअसल, इन छह मुद्राओं के समूह में सबसे अधिक भारांक वाली मुद्रा यूरो और आस्ट्रेलियन डॉलर व ब्रिटिश पौंड में डॉलर के मुकाबले मजबूती रही, जबकि जापानी येन में कमजोरी दर्ज की गई.
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