Friday, January 25, 2019

अवैध जमीन आवंटन केस में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर CBI की छापेमारी

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक आवास पर शुक्रवार को जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की. जिस समय ये छापेमारी हुई उस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा घर में ही मौजूद थे. बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद हैं.

बता दें कि सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ नए केस दर्ज किए हैं. ये केस 2004 से 2007 के बीच हुए जमीन आवंटन से जुड़े हैं. यह छापेमारी हरियाणा और दिल्ली में 30 से ज्यादा जगहों पर की जा रही है. वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने सीबीआई की इस कार्रवाई को राजनीति बदले की भावना करार दिया है. उन्होंने कहा, 'राजनीतिक बदले के चलते छापेमारी कराई जा रही है. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मेरी आवाज को कोई दबा नहीं सकता है. मैं इस लड़ाई को लड़ूंगा.'

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जींद उपचुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए ये छापेमारी की गई है. जींद उपचुनाव में आज कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के समर्थन में जनसभा करना था. आपको बता दें कि इससे पहले भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कई मामलों में शिकंजा कसा जा चुका है. हरियाणा के पंचकूला में प्लॉट आवंटन मामले में बीते दिनों ही सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी मिली थी. गौरतलब है कि उनपर चार्जशीट दाखिल करने के लिए राज्यपाल की अनुमति मिलनी जरूरी थी, जिसके कारण इसमें काफी देरी हो रही थी.

हुड्डा पर आरोप था कि उनके राज में नेशनल हेराल्ड की सहयोगी कंपनी एजेएल को प्लॉट आवंटन किया गया था, हालांकि उसपर कोई काम शुरू नहीं हो पाया था. जिसपर सीबीआई ने केस दर्ज किया था. पंचकूला मामले के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर गुड़गांव में जमीन आवंटन से जुड़ा एक मामला भी चल रहा है, जिसमें चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुड्डा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे, उसी दौरान भूखंड फिर से एजेएल को आवंटित किया गया था. हुड्डा व AJL पदाधिकारियों पर वर्ष 2005 में अवैध तरीके से भूखंड को फिर से आवंटित करने का आरोप है. पंचकूला के सेक्टर 6 में भूखंड संख्या सी-17 को 29 जून, 2005 को एजेएल को फिर से आवंटित किया गया था. यह भूमि करीब 3,360 वर्गमीटर थी.

का चुनावी रण लगातार दिलचस्प होता जा रहा है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को आगे करके 2019 का सबसे बड़ा दांव खेल दिया है. ये दांव भी चला गया है सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जहां से दिल्ली की सत्ता का रास्ता तय होता है. प्रियंका गांधी के हाथ में उत्तर प्रदेश कमान आने से अब ये साफ हो गया है कि यूपी में तो कम से कम मुकाबला प्रियंका गांधी बनाम नरेंद्र मोदी होने जा रहा है.

हालांकि, प्रियंका के आने से काफी सवाल भी खड़े होते हैं. क्या राहुल कांग्रेस को लेकर अपनी सोच को आगे ले जाने में नाकाम हो गए हैं या अकेले पड़ गए हैं. जो प्रियंका गांधी की जरूरत पड़ी है.

प्रियंका गांधी बनाम नरेंद्र मोदी

2014 के चुनावी अभियान के दौरान भी जब नरेंद्र मोदी ने 56 इंच वाला बयान दिया था, तो प्रियंका गांधी ने पलटवार करते हुए कहा था कि देश 56 इंच के सीने से नहीं बड़े दिल से चलता है. यानी प्रियंका गांधी और नरेंद्र मोदी एक बार फिर सीधी टक्कर होने जा रही है.

नरेंद्र मोदी जैसे वक्ता का सामना करने के लिए कांग्रेस को इस भाषा की भी दरकार है और भाव की भी. क्योंकि उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से दो सीटों को लेकर संतुष्ट बैठ जाना उसकी राजनीति को समेट देगा.

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